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Isavasyopanishad (hindi, paperback) Hindi Mein Geetantaran

by
Prem Mohan Lakhotia(Author)
Narendra Sharma(Preface)

200Visit any online store for available discount
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Product details
isbn
9788194683308
dimension
8x5 inch
pages
56
Publication Date
July, 2020
language
hindi
About the Book
भारत के वैदिक साहित्य के आध्यात्मिक आयाम में विविध उपनिषद् उपवेद के रूप में जाने जाते हैं और उनमे सबसे पहला उपनिषद् ईशावास उपनिषद् कहलाता है | ईशावास उपनिषद् में मात्र 18 मंत्र हैं जिनके माध्यम से ज्ञान और कर्म की अतिसूक्ष्म और गहन किन्तु सहज मीमांसा की गई है | वैदिक साहित्य की प्रेरणा की अच्छी पकड़ रखने वाले मनीषी प्रोफ. प्रेम मोहन लखोटिया द्वारा प्रस्तुत है पद्य प्रवाह में इस उपनिषद् के मंत्रों का हिंदी में ललित रूपान्तरण | इस रूपान्तरण में मंत्र ऋचाओं के शब्दों के संदर्भित अर्थ के भावों का पल्लवन किया गया है | सुरुचिपूर्ण मौलिकता के साथ यह पुस्तक इसके पाठकों को अपने जीवन में अनुसरणीय सत्य के संधान के लिए प्रेरित करती है |
About Author
प्रेम मोहन लखोटिया (Prem Mohan Lakhotia) सात दशक से अपवादहीन निरंतरता के साथ दैनिक चिंतन लेखन, मूलतया पद्य में, अन्य विधा गद्य में। औद्योगिक व्यवसाय एवं अभिरुचिगत शिक्षण से अवकाश लेने के बाद से बहुभाषी स्वाध्याय, साहित्य सृजन और अनुवाद के साथ साथ बालकों और युवाओं के संस्कार पल्लवन में रत। अनेक बार सम्मानित एवं विभूषित। अब तक विविध भाषा की प्राय: 35 हजार से अधिक रचनाओं का हिंदी, अंग्रेजी, फ्रेंच, बंगला, उर्दू और राजस्थानी में मनीषापूर्ण लेखन। प्राय: 3500 रचनाओं का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशन और प्रसारण। रचना कृतियाँ :- सात बहुचर्चित एवं सम्मानित मौलिक काव्य और चिंतन सूक्त कृतियों का स्वतंत्र प्रकाशन। कई विशिष्ट संकलनों में रचनाएँ समादृत। अब तक 14 पुस्तकों का सकल अनुवाद और 4 पत्रिकाओं का सम्पादन।