

Simat Aaya Hai Anant
Sur Samragi Lata Mangeshkar par Kavya Sangrahby Anurag(Author)null(Preface)
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10 फरवरी, 1968 को सरदारशहर में जन्में अशोक अनुराग की प्रा. शिक्षा सरदारशहर में ही हुई। बी. एड. जयपुर से, एम. ए. (हिन्दी) में अजमेर विश्वविद्यालय से किया वर्तमान में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत है। विद्यार्थी जीवन से ही कविता से विशेष लगाव रखने वाले अनुराग - कहानी, उपन्यास, ग़ज़ल, चिन्तन, चित्रकला, मूर्तिकला तथा संगीत में भी सक्रिय है। कलि की कसक, पलकों की छाँव में, अपने में ही गुम कहीं, दर्द काम नहीं था वह, भुला हुआ सा-याद कुछ (विसेंट वॉनगो के जीवन पर आधारित खण्ड काव्य) समय में समय के पार, गुजर चूका हूँ कभी का, एक प्रेम कहानी की तरह (उपन्यास) चाँद जिससे बेखबर है, कोई एक गुलमोहर, मैं पुकारूँ पीव को, काश ईश्वर मर गया होता (विचार), मोनालिसा की मुस्कान की तरह, शब्द से शून्य की ओर, ख़ामोशी से भी ख़ामोश, प्यार खुशबू है प्रकाशित हो चुके हैं। संगीत में - एक एलबम लॉन्च - मेरा खुदा (ग़ज़ल और ठुमरी) 1984 में संभावनाओं की आहट से ओशो से परिचय बाद में सन्यास। व्यक्ति व व्यक्तित्व रूपान्तरण के लिए मूल व् मौलिक क्रान्ति, ध्यान को जानने के बाद 2008 में सरदारशहर में ओशो ध्यान आश्रम की स्थापना| मरूधरा में बहुत काम पानी के बावजूद बूंद-बूंद सिंचाई से हजारों वृक्षों को विकसित किया गया है। निश्चित ही मरुधरा में इस मरुधान से अध्यात्म, कला, साहित्य की त्रिवेणी प्रवाहित हो सकेगी।