Sudhir kumar kaistha"kais
Poet
एक पहाड़ी गांव में पैदा हुआ।
कोमल हृदय के मध्य बहती निर्मल धारा से उत्पन्न विचारों को शब्दों में पिरोने की इच्छा के साथ, न थकान न उदासी, बस चेहरे पर मुस्कान लिए, भरपूर जीवन जीने के उत्साह के साथ सदैव चलता रहूँ दूसरों को हंसाने के प्रयास में......
धर्म जाति की व्यवस्था से ऊपर उठ एक नई सोच के साथ सहायक बनूं इस समाज का करने नवनिर्माण ....