Mangal Prawas-II
by Prof. Jagdish Rai
About the book
मेरी पस्तक ु ों मं गल प्रवास - I (हंिदी) में और मार ् सियन सेटलर्स - I तथा मार ् सियन सेटलर्स – II (अंग्रेजी में) सफलता की नई तकनीकों के साथ आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया। मं गल ग्रह पर बसने के बारे में नए शोध की सं भावनाओं की कल्पना बड़ी उत्साहवर्धक रही। मार ् सियन सेटलर्स में उपयोग की जाने वाली तकनीकें मं गल पर बसने की उन्नत विधियाँ हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान मेरा सं स्थान लॉ�कडाउन के कारण बंद था। इससे मझे इस प ु स्तक क ु ो लिखने का पर्याप्त समय मिल गया। मझे उम ु ्मीद है कि यह मं गल पर भविष्य में बसने का रास्ता प्रस्तुत करेगा। मैं अपने बेटे निशीथ, व विशाल और बहू निहारिका, तथा अर ् जिता को उनके निरंतर प्रोत्साहन के लिये धन्यवाद देता हूँ। मेरी पत्नी किरण ने मेरे काम की सराहना की और मझे और अ ु धिक करने के लिये प्रोत्साहित किया। जब मैं बेहद व्यस्त होता हूँ तो वे अके लेपन का बोझ उठाती है और कभी शिकायत नहीं करती। मेरे पोते कबीर के जन्म से मझमें एक नई ु तरह की ऊर्जाआई। मेरे प्रबंधक श्री दिलीप संिह की मदद बहुत प्रशंसनीय हैं। मैं पाठकों के मनोरंजन के लिये एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके ज्ञान वर्धन के लिये भविष्य में और अधिक किताबें लिखने की पूरी कोशिश करूँगा।
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Prof. Jagdish Rai is Ph.D. in Physics from Banaras Hindu University, Varanasi. He was Professor of Physics at IIT Roorkee for about,35 years. Prof. Rai did research work in atmospheric and space science. He has worked abroad in Germany, USA and Canada. He was Vice Chancellor of Invertis University, Bareilly, I.P. Prof. Rai received various awards and honors. Recently he received Ukiyoto award on his science fiction Martian Settlers 2.
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