Mob lynching Vidhik evm Samajik Aayam
by Dr. Sheetal Prasad Meena
About the book
भारत में बढ़ती माॅब लिंचिंग यानि हिंसक भीड़ या झुंड के द्वारा गैर कानूनी ढंग से प्राणदंड की घटनाओं के कारण बहुत से लोगों को अपने प्राणों से वंचित होना पड़ा हैं। कानून व्यवस्था का खुले आम उल्लंघन हुआ है। जिसको लेकर उच्चतम न्यायालय ने तहसीन पूनावाला वाद में चिंता जाहिर की और केन्द्र व राज्यों को कानून बनाने के निर्देष दिए। विधि संकाय , जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय ,जोधपुर के द्वारा माॅब लिंचिग विषय पर ई-कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें माॅब लिंचिंग से संबंधित विधि, मानव अधिकार, आदि को लेखकों ने इस पुस्तक के माध्यम से पहुचाने का कार्य किया है। इस पुस्तक को मौलिक एवं उपयोगी बनाने के लिए, विभिन्न विषयों के विद्धान लेखकों ने अपने आलेखों को सम्मेलित रूप से विवेकशील पाठक वर्ग के लिए लेकर आए हैं। इस पुस्तक के माध्यम से भारत सहित विश्व में माॅब लिंचिंग से संबधित विधिक एवं सामाजिक आयामों सहित मानवाधिकारों के बारें में विस्तृत जानकारी पाठक प्राप्त कर सकते हैं।
About author
डाॅ. षीतल प्रसाद मीना,एल.एल.एम, पी.एच.डी,डी.एल. एल.एल,की योग्यता प्राप्त की है। आपने मोहन लाल सुखाडिया विष्वविधालय, उदयपुर से पीएच.डी की उपाधि अर्जित की। वर्तमान में असिस्टेंट प्रोफेसर, विधि संकाय, जय नारायण व्यास विष्वविधालय, जोधपुर में कार्यरत हैं। डाॅ.मीना ने पूर्व में भी निम्नलिखित विधि के क्षेत्र में भी पुस्तकों का लेखन कार्य किया है जो विधि के साथ-साथ अन्य विषयों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होंगी। डाॅ सुनील आसोपा एवं डाॅ सुरेन्द्र सिंह के सहयोग से विधि एवं न्यायिक प्रक्रिया संपादित 2014 पुस्तक का संपादन किया गया।
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