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Sawal Samay Ke Jawab Zimmedari Ke book cover

Sawal Samay Ke Jawab Zimmedari Ke

by
Savita Lakhotia
, Savita Lakhotia(Preface)

(Hindi, Paperback)
About the book
कुछ पुस्तकों को पढ़ना इस कारण से आवश्यक हो जाता है क्योंकि वे जीवन के विभिन्न आयामों के प्रति एक नवीन दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। इस पुस्तक के विषय जीवन के ऐसे आयामों को छूते हैं, जिन पर चिंतन करना वर्तमान समय की प्राथमिक आवश्यकता सा प्रतीत होता है। यह पुस्तक हमारे आज के विकास और प्रगति के बीच उठे हुए विरोधाभास पर कुछ ठोस सवाल उठाती है, और उनके समाधान पर लेखिका के मन्तव्य भी स्पष्टता के साथ प्रस्तुत करती है। यह सारे लेख सहचिन्तन के परिणाम है और यह सहचिन्तन की गोष्ठियों में रखे गए हैं। इससे यह परिक्षित हो जाता है कि यह पुस्तक समाज के सचिंतन वर्ग को अवश्य ही एक नई सक्रियता प्रदान करेगी, इसलिए चेतना प्रसार के दृष्टिकोण से यह पुस्तक बहुत बड़ी सख्याँ में प्रसारित और विवेचित होनी चाहिए। विशेष कर नए चिंतन के सूत्र धार अध्यापक वर्ग के लिए यह पुस्तक शिक्षा का एक नया मार्ग प्रशस्त करती है। वर्तमान विकास की विसंगतियां नित्य नए आयाम में उभर कर हमारे विकास के परिणाम ज्यों बौने बनाने लगी हैं और हम यह सब देखते हुए भी जैसे संवेदनाहीन हो गए हैं। अब हमें घेरने लगी हैं वैयक्तिक चिंताएं जो आने वाले समय के लिए किसी भी भांति शुभ नहीं लगतीं। समय जैसे हर कदम पर हमसे तीखे सवाल पूछ रहा है और हमें ज़िम्मेदारी के साथ जवाब देने को विवश कर रहा है। सविता जी के मनीषापूर्ण मंतव्य मंथन मंच के सहचिंतन और गंभीर सामूहिक दृष्टिकोण की खोज़ में अग्रणी और सहायक रहें हैं। सरल भाषा में पूरी गंभीरता के साथ रचित, चयनित और सम्पादित ये लघु कथ्य पाठकों को अवश्य ही अत्यंत रोचक और प्रेरक लगेंगे।
About author
सविता लखोटिया एक स्वाध्यायी कुशल गृहिणी। सीकर, राजस्थान में जन्मी और राजस्थान विश्वविद्यालय से हिंदी और संस्कृत में उल्लेखनीय योग्यता के साथ स्नातक परीक्षा में उत्तीर्ण। पत्रकारिता का अध्ययन। पूर्व निवास कोलकाता में। सम्प्रति जयपुर में। विभिन्न विद्यालयों में अध्यापन। अब निवृत्त। शिक्षा और सामाजिक परिवेश के बारे में गहन रुचि और चिंतन तथा सहभागिता। आध्यात्मिक चिंतन और सामाजिक मनीषा से जुड़ी अनेक आलेख रचनाओं का देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशन। वर्ष 2004 में तरुणों के लिए विशेष रूप से लिखित और सम्मानित एवं पुरस्कृत पुस्तक “भारत की योग विभूतियाँ” अत्यंत लोकप्रिय हुई।
Book Details
language
Hindi
pages
240
color
b/w
edition
First
isbn
9788194683315
dimension
8.5 x 5.5 inches
weight
200gms
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