Shabdon Ka Sangharsh
by Navneet Choudhary
About the book
जीवन से संबंधित अनेक भावों को जब इतने कम शब्दों में कहा जाये कि पाठक द्वारा अपनी दृष्टि को हटाना संभव ही न हो, तब कहे हुए शब्दों का असर एक लम्बे समय तक रहता है और इस कार्य में दोहा विधा निश्चित ही सर्वश्रेष्ठ साधन है , जिसमें छंदोबद्ध अभिव्यक्ति चिरकाल तक स्मरणीय रहती है । ये संग्रह देश के विभिन्न क्षेत्रों के अनुभवी व नवांकुर कवियों द्वारा लिखित ऐसी ही दोहा-अभिव्यक्तियों का एक अनूठा संकलन है, जो आने वाली पीढ़ी के लिये साहित्य की बारीकियों व मूल रूप को समझने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
यह पुस्तक कवियों के चिन्तन-मनन का सुपरिणाम है, क्योंकि चिन्तन से शब्दों की उत्पत्ति होती है और मनन से भाव उत्पन्न होता है जो किसी भी काव्य रचना का मूल होता है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में दोहा विधा अपने भावों को प्रकट करने का सरल व असरदार तरीका है।
हम आशा करते हैं कि यह संग्रह सभी सुधीजन पाठकों के मानकों पर खरा उतरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
About author
जन्म १२ सितंबर १९७६ शहर-जसपुर
जिला- नैनीताल (वर्तमान- ऊधम सिंह नगर)
उत्तराखंड २४४७१७
शिक्षा- एम.एस-सी. (प्राणि विज्ञान), बी.एड., विशिष्ट बी.टी.सी.
व्यवसाय- राजकीय शिक्षक (उत्तराखंड सरकार)
प्रसारण- आकाशवाणी पंतनगर, रामपुर
प्रकाशित कृतियाँ- मौलिक- कवि-चतुर्दशी, सुकवि- पचीसी, दोहे से मुक्तक तक साझा काव्य-संग्रह (अनुसंधान प्रकाशन साहिबाबाद)
दोहे नवनीत के (प्रेस में, शीघ्र प्रकाशाधीन)
संपादन-
०१:- बिखरी-स्याही_निखरी कलम (वनिका प्रकाशन बिजनौर)
०२:- शब्दों का संघर्ष (विज़डम वर्ड्स पब्लिशिंग, जयपुर)
सम्मान-
०१:- दोहा-शिरोमणि (शारदा मंच खटीमा द्वारा)
०२:- दोहा-रत्न सम्मान (अर्णव कलश ऐसोसिएशन द्वारा)
Book Details
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