Yatra Udaan Jaari Hai
by Abhimanyu Anant Kamthan
About the book
जीवन के सरल, सहज किन्तु गहरे अनुभव जब इतनी प्रामाणिकता से कहे जाएं कि उन्हें अस्वीकार करना संभव ही न हो, जब कहे हुए शब्दों और व्यक्तिगत अनुभवों में कोई अंतर शेष ना रहे तो ऐसे शब्दों का, ऐसी अभिव्यक्तियों का असर एक लम्बे समय तक रहता है। ये संग्रह ऐसी ही अभिव्यक्तियों का एक अनूठा संकलन हैं। सत्य- भिन्न-भिन्न रूपों में अभिव्यक्त होता, खरा, कड़वा किन्तु प्रामाणिक।
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मध्य प्रदेश के चम्बल क्षेत्र में जन्मे अभिमन्यु अनंत कम्ठान की परवरिश मुरैना जिले के अम्बाह में हुई। इनकी परवरिश साहित्य प्रेमियों के बीच होने से इनका भी रुझान साहित्य में रहा तथा अपने स्नातक के दिनों से ही इन्होने बतौर लेख़क एक सक्रिय भूमिका निभायी। अध्य यन के समय में इनके लिखे हुए कई नाटक दर्शकों के बीच लोकप्रिय रहे जिनमें प्रमुख - अधिकार सबका, रोज़ी-रोटी और संस्कार रहे। पिछले कुछ सालों में जो भी अनुभव उन्होंने पन्नों पर उकेरे है ये किताब उसकी एक झाँकी है। इनके लहजे और लेखन शैली मैं जीवन से जुडी रोज़मर्रा की अनुभूतियों का गहरा प्रभाव है। ये पुस्तक “यात्रा - उड़ान जारी है” इनकी पहली प्रकशित कृति है और इनके रचनात्मक सफर का एक अहम् पड़ाव है।
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