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Taamir-e-Zeendagi book cover

Taamir-e-Zeendagi

by
Zulfikaar Ali

(Hindi, Paperback)
About the book
मेंने अपनी जिंदगी में बहुत से उतार चढ़ाव देखे हैं । उन्हीं , कभी शियाह कभी उजले लम्हों में मेंने जो भी महसूस किया उन अहसासों को रातों की तनहाई में पन्नों पर उतार लिया , जो कभी नज़्म, कभी गीत और कभी ग़ज़ल बन गए । और अब वो सारे सपने , सारे अहसास आपके हाथों में किताब की शक्ल लेकर मौजूद है । इस किताब में आपको ग़ज़ल, गीत , नज़्म के रूप में कहीं इश्क में धोका खाएं आशिक का दर्द मिलेगा , तो कहीं नाकामियों से टकराकर कामयाबी की जद्दोजहद करते इंसान का जनून मिलेगा । कहीं सड़क पर मरते बेगुनाहों की मौत पर गुस्सा मिलेगा, तो कहीं सरहद पर जान गंवाते जवानों का दर्द मिलेगा। इस किताब में आपको लड़कियों ,औरतों पर होने वाले जुल्म की कहानी मिलेगी, तो सड़क पर भुखे चलते हुए, मरते हुए मज़दूरों की रूदाद मिलेगी । इसमें कहीं कलमकारों के ग़ज़लें नज़्मे लिखते वक्त के अहसास मिलेंगे, तो कहीं खुदा की बनाई इस कायनात के फलसफे मिलेंगे । आपको एक एक रचना अपने से जुड़ी महसूस होगी । इसमें मेरी रातों की तनहाई भी है। दिन की भागदौड़ भी है । दिल का दर्द भी है । और समाज के लिए कुढन भी है , देश से प्यार करने का देश‌पर मरने का जज्बा भी है । मुझे उम्मीद है कि ये ग़ज़ल संग्रह आपकी आशाओं पर खरा जरूर उतरेगा । फिर भी यदि कहीं कोई गलतीयां हो तो मैं भी आपसे आशा करता हूं कि आप मेरी रहनुमाई जरूर करेंगे । आप जब भी इसे पढ़ेंगे तो इसमें अपनी भावनाएं ही मौजूद पाओगे।
Book Details
language
Hindi
pages
146
color
b/w
edition
First
isbn
9788194944775
dimension
8.5 x 5.5 inches
weight
200gms
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